
प्रस्तावना
आजकल प्रेशर कुकर भारतीय रसोई का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है। लेकिन 25-30 साल पहले ऐसा नहीं था। मुझे याद है जब हमारे घर में पहली बार प्रेशर कुकर आया था, तो मेरे दादाजी ने कहा था – “प्रेशर कुकर में बना दाल-चावल का कोई स्वाद नहीं होता!” और वे अलग से पारंपरिक तरीके से चावल और दाल बनवाते थे। आज भी कई लोग ऐसा ही सोचते हैं। लेकिन क्या सच में प्रेशर कुकर में पका खाना कम स्वादिष्ट और कम पौष्टिक होता है? या यह सिर्फ एक भ्रम है? आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
प्रेशर कुकर का विज्ञान
1. तापमान नियंत्रण
प्रेशर कुकर में दबाव के तहत खाना पकाया जाता है। यह दबाव पानी के क्वथनांक (Boiling Point) को 100°C से बढ़ाकर लगभग 120°C तक कर देता है। इससे:
खाना जल्दी पकता है
गर्मी समान रूप से वितरित होती है
पकाने का समय कम लगता है
2. पोषक तत्वों का संरक्षण
पारंपरिक तरीके में खाना लंबे समय तक गर्मी के संपर्क में रहने से विटामिन (खासकर विटामिन B और C) नष्ट हो जाते हैं। प्रेशर कुकर में:
पकाने का समय कम होता है
बंद वातावरण के कारण पोषक तत्व बाहर नहीं निकलते
पानी में घुलनशील पोषक तत्व (जैसे फोलेट, थायमिन) अधिक बचते हैं
3. ऊर्जा की बचत
सामान्य बर्तन की तुलना में 50-70% कम समय
गैस/बिजली की खपत कम
पर्यावरण के अनुकूल
पारंपरिक विधि के फायदे
1. स्वाद और सुगंध
कुछ खाद्य पदार्थ (जैसे बासमती चावल, कुछ प्रकार की दालें) पारंपरिक तरीके से पकाने पर ज्यादा स्वादिष्ट और सुगंधित लगते हैं।
2. बेहतर नियंत्रण
बर्तन में पकाते समय आप समय-समय पर स्वाद, नरमाई आदि की जांच कर सकते हैं।
3. कुछ विशेष व्यंजन
कुछ खाद्य पदार्थ (जैसे पोहा, उपमा, पुरणपोली) प्रेशर कुकर में नहीं बनाए जा सकते।
तुलनात्मक विश्लेषण
पहलू | प्रेशर कुकर | पारंपरिक बर्तन |
---|---|---|
समय | 50-70% कम | अधिक समय |
ऊर्जा खपत | कमी | अधिक |
पोषक तत्व | अधिक सुरक्षित | कुछ पोषक तत्व नष्ट होते हैं |
स्वाद | कुछ खाद्य पदार्थों में कमी | अधिक सुगंध और स्वाद |
सुविधा | आसान, स्वचालित | लगातार निगरानी की जरूरत |
सामान्य गलतियाँ और समाधान
1. पानी फेंक देना
प्रेशर कुकर में दाल/चावल का ऊपर का पानी (जिसे ‘कांजी’ कहते हैं) फेंकना सबसे बड़ी गलती है। इस पानी में:
अमीनो एसिड
विटामिन B कॉम्प्लेक्स
आयरन, मैग्नीशियम जैसे खनिज होते हैं।
समाधान: इस पानी को न फेंके। इसे सूप, रसम या अन्य व्यंजनों में उपयोग करें।
2. अधिक पकाना
कुछ लोग प्रेशर कुकर में खाना ज्यादा देर तक पकाते हैं, जिससे:
स्वाद कम होता है
पोषक तत्व नष्ट होते हैं
समाधान: हर खाद्य पदार्थ के लिए सही समय सेट करें।
3. वाल्व की उचित देखभाल न करना
वाल्व अगर जाम हो जाए तो खतरा हो सकता है।
समाधान: नियमित रूप से वाल्व साफ करें।
विशेष टिप्स
1. चावल का स्वाद बढ़ाने के लिए
प्रेशर कुकर में थोड़ा घी/तेल डालें
1-2 लौंग, इलायची डालें
पकाने के बाद 5 मिनट तक ढक्कन न खोलें
2. दालों के लिए
दाल में थोड़ी हींग, जीरा डालें
1-2 टमाटर के टुकड़े डालें (स्वाद और खटास बढ़ाने के लिए)
निष्कर्ष
आधुनिक विज्ञान और पाक कला के नजरिए से देखें तो प्रेशर कुकर पारंपरिक बर्तनों से ज्यादा फायदेमंद है। यह:
पोषक तत्व बचाता है
ईंधन बचाता है
समय बचाता है
हालांकि, कुछ विशेष खाद्य पदार्थों के लिए पारंपरिक विधि बेहतर हो सकती है। अंत में, यह आपकी सुविधा और पसंद पर निर्भर करता है।
आप कौन सी विधि पसंद करते हैं? प्रेशर कुकर या पारंपरिक बर्तन? कमेंट में अपने अनुभव साझा करें!