
प्रस्तावना
न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत से हम जानते हैं कि पृथ्वी हर चीज को अपनी ओर खींचती है। फिर सवाल उठता है—पौधों की जड़ें नीचे क्यों जाती हैं, जबकि तना ऊपर की ओर क्यों बढ़ता है? यह प्रकृति का एक अद्भुत नियम है, जिसके पीछे पादप विज्ञान (Plant Physiology) छुपा हुआ है। इस लेख में हम इस सवाल का विस्तृत जवाब जानेंगे।
1. गुरुत्वाकर्षण और पौधों की वृद्धि
न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण सिद्धांत के अनुसार, पृथ्वी हर वस्तु को अपनी ओर खींचती है। इसीलिए पत्थर फेंकने पर वह नीचे गिरता है, पानी नीचे बहता है और इंसान जमीन पर चलते हैं। लेकिन पौधों के मामले में यह अलग है—जड़ें नीचे जाती हैं, जबकि तना ऊपर उगता है। इसके पीछे दो मुख्य कारण हैं:
जिओट्रोपिज्म (Geotropism/Gravitropism) – गुरुत्वाकर्षण की प्रतिक्रिया
फोटोट्रोपिज्म (Phototropism) – प्रकाश की ओर वृद्धि

2. जड़ें नीचे क्यों बढ़ती हैं? (जिओट्रोपिज्म)
जब बीज मिट्टी में अंकुरित होता है, तो उसकी जड़ों में मौजूद ऑक्सिन (Auxin) नामक हार्मोन गुरुत्वाकर्षण को महसूस करता है। इसे जिओट्रोपिज्म या ग्रेविट्रोपिज्म कहते हैं।
ऑक्सिन हार्मोन की भूमिका:
जड़ों में ऑक्सिन गुरुत्वाकर्षण की दिशा में जमा होता है।
यह हार्मोन जड़ों को नीचे की ओर बढ़ने के लिए प्रेरित करता है।
अगर पौधे को उल्टा लटकाया जाए, तब भी जड़ें नीचे ही बढ़ेंगी।
जड़ों के नीचे बढ़ने के फायदे:
✅ मिट्टी से पानी और पोषक तत्वों का अवशोषण
✅ पौधे को स्थिरता प्रदान करना
✅ गहरी मिट्टी से खनिज लवण प्राप्त करना
3. तना ऊपर क्यों बढ़ता है? (फोटोट्रोपिज्म)
तने की वृद्धि प्रकाश की ओर (फोटोट्रोपिज्म) होती है। सूरज की रोशनी पौधों के लिए ऊर्जा का मुख्य स्रोत है, क्योंकि इससे प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) की प्रक्रिया होती है।
ऑक्सिन की तने पर भूमिका:
तने में ऑक्सिन हार्मोन प्रकाश से दूर वाले हिस्से में जमा होता है।
जब एक तरफ रोशनी पड़ती है, तो दूसरी तरफ ऑक्सिन की मात्रा बढ़ जाती है।
इससे छाया वाला हिस्सा तेजी से बढ़ता है और तना प्रकाश की ओर मुड़ जाता है।
तने के ऊपर बढ़ने के फायदे:
✅ सूरज की रोशनी पाकर प्रकाश संश्लेषण जारी रखना
✅ फूल और फल पैदा करने के लिए ऊर्जा बनाना
✅ वातावरण से कार्बन डाइऑक्साइड लेना
जिओट्रोपिज्म (Geotropism/Gravitropism) – गुरुत्वाकर्षण की प्रतिक्रिया
फोटोट्रोपिज्म (Phototropism) – प्रकाश की ओर वृद्धि

4. जिओट्रोपिज्म और फोटोट्रोपिज्म में अंतर
जिओट्रोपिज्म और फोटोट्रोपिज्म में अंतर
गुण | जिओट्रोपिज्म (जड़ें) | फोटोट्रोपिज्म (तना) |
---|---|---|
प्रेरक शक्ति | गुरुत्वाकर्षण | प्रकाश |
हार्मोन | ऑक्सिन | ऑक्सिन |
दिशा | नीचे की ओर | ऊपर की ओर |
उद्देश्य | पानी और पोषक तत्व लेना | प्रकाश संश्लेषण के लिए सूरज की रोशनी लेना |
उदाहरण | सभी पौधों की जड़ें | सूरजमुखी का प्रकाश की ओर मुड़ना |

5. प्रकृति का अद्भुत संतुलन
पौधों की इस वृद्धि प्रक्रिया में प्रकृति ने एक अनोखा संतुलन बनाया है। अगर जड़ें ऊपर और तना नीचे बढ़ता, तो पौधे जीवित ही नहीं रह पाते। जड़ें मिट्टी से पोषक तत्व लेती हैं, जबकि तना सूरज की रोशनी से ऊर्जा बनाता है।
6. पौधों में अन्य वृद्धि प्रकार
जिओट्रोपिज्म और फोटोट्रोपिज्म के अलावा, पौधों में कुछ और वृद्धि प्रकार भी होते हैं:
हाइड्रोट्रोपिज्म (Hydrotropism) – पानी की ओर बढ़ना
केमोट्रोपिज्म (Chemotropism) – रसायनों की ओर बढ़ना
थिग्मोट्रोपिज्म (Thigmotropism) – स्पर्श के प्रति प्रतिक्रिया (जैसे, बेलों का चढ़ना)
7. निष्कर्ष
पौधों की जड़ों का नीचे और तने का ऊपर बढ़ना प्रकृति की एक अद्भुत व्यवस्था है। गुरुत्वाकर्षण, प्रकाश और पादप हार्मोन (ऑक्सिन) के सामंजस्य से यह प्रक्रिया संभव होती है। इससे पौधों को जीवित रहने के लिए जरूरी पोषक तत्व, पानी और प्रकाश मिलता है। यह प्रकृति की व्यवस्था हमें सिखाती है कि हर चीज के पीछे एक विज्ञान है और प्रकृति स्वयं एक सर्वश्रेष्ठ इंजीनियर है!